International Day Of Peace हर साल पूरी दुनिया में मनाया जाता है। World Peace Day विश्व शांति दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी देशों के लोगों के बीच शांति और प्रेम बहाल करना और साथ ही अंतरराष्ट्रीय संघर्षों और झगड़ो को समाप्त करना है।
सफेद कबूतरों को हमेशा से शांतिदूत माना गया है, इसलिए इस दिन सफेद कबूतर उड़ाने की परंपरा है। शांति बनाए रखने के लिए जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करना बहुत जरूरी है।
जलवायु में आए दिन हो रहे बदलाव विश्व की शांति और सुरक्षा के लिए बहुत खतरनाक हैं। इस मामले को दुनिया के सामने ले जाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने साहित्य, कला, सिनेमा, संगीत और खेल जैसे हर क्षेत्र की जानी-मानी हस्तियों को शांति दूत नियुक्त करते है।
International Day Of Peace Kab Manaya Jata Hai? | |
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Date | हर साल 21 September को |
विवरण | शांति दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी देशों और नागरिकों के बीच शांति व्यवस्था बनाए रखना और अंतरराष्ट्रीय झगड़ों को समाप्त करना है। |
भारत के पूर्व प्रधान मंत्री नेहरू ने विश्व शांति बनाए रखने के लिए 5 मूल मंत्र दिए, इन्हें पंचशील के सिद्धांत के रूप में जाना जाता है। उनके अनुसार विश्व में शांति की स्थापना के लिए एक दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने और सम्मान करने की बात कही गई थी।
पंचशील शब्द ऐतिहासिक बौद्ध शिलालेखों से लिया गया है जो पांच निषेध हैं जो बौद्ध भिक्षुओं के व्यवहार को निर्धारित करते हैं।
इस समझौते के बारे में 31 दिसंबर 1953 और 29 अप्रैल 1954 को बैठकें हुईं, जिसके बाद आखिरकार बीजिंग में इस पर हस्ताक्षर किए गए।
समझौता मुख्य रूप से भारत और तिब्बत के बीच व्यापार संबंधों पर केंद्रित है लेकिन इसकी प्रस्तावना के कारण याद किया जाता है जिसमें पांच सिद्धांत हैं-
पंचशील
- एक दूसरे की अखंडता और संप्रभुता का सम्मान
- आपसी गैर-आक्रामकता को ख़त्म करना
- एक दूसरे के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देना
- न्यायसंगत और पारस्परिक रूप से लाभप्रद संबंध
- शांतिपूर्ण सह - अस्तित्व
इस समझौते के तहत, भारत ने तिब्बत को चीन के क्षेत्र के रूप में स्वीकार कर लिया। इस तरह उस समय इस संधि ने भारत और चीन के संबंधों के तनाव को काफी हद तक दूर कर दिया था।
विश्व शांति दिवस को मनाने की शुरुआत कब हुई थी?
दुनिया के देशों और लोगों के बीच शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए, संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 1981 में विश्व शांति दिवस मनाने की घोषणा की थी।
1982 में पहली बार विश्व शांति दिवस मनाया गया था. इसके लिए 'राइट टू पीस ऑफ पीपल' थीम को चुना गया था।
2001 से पहले यह हर साल सितंबर के तीसरे मंगलवार को मनाया जाता था, लेकिन साल 2002 में इसे बदल दिया गया और अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस मनाने के लिए 21 सितंबर की तारीख तय की गई।
तब से हर साल 21 सितंबर को विश्व शांति दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य पूरी दुनिया के लोगों के बीच शांति स्थापित करना है।
विश्व शांति दिवस क्यों मनाया जाता है?
विश्व शांति दिवस या अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस हर साल 21 सितंबर को मनाया जाता है। दरअसल, शांति मधुरता और भाईचारे की एक अवस्था है, जिसमें शत्रुता नहीं होती।
देखा जाए तो शांति के बिना जीवन का कोई आधार नहीं है। वैसे, इस शब्द का प्रयोग आम तौर पर अंतरराष्ट्रीय संदर्भ में युद्धविराम के अर्थ में किया जाता है। शांति दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी देशों और नागरिकों के बीच शांति बनाये बनाए रखना और अंतरराष्ट्रीय तनाव को समाप्त करना है।
विश्व शांति दिवस पर क्या होता है?
सफेद कबूतरों को शांति का दूत माना जाता है, इसलिए इस दिन भारत में हर जगह सफेद रंग के कबूतर उड़ाए जाते हैं।
सफेद कबूतर शांति के प्रतीक हैं इसलिए इस दिन इन कबूतरों को उड़ाकर दुनिया को शांति का संदेश दिया जाता है.
संयुक्त राष्ट्र का मुख्य लक्ष्य पूरे विश्व में शांति बनाए रखना है। शांति दिवस के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र के संगठनों, संस्थानों, गैर सरकारी संगठनों, नागरिक समाज और स्कूलों, कॉलेजों में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
इस दिन दुनिया भर के नागरिक जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र के साथ अपने विचार और सुझाव साझा कर सकते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस को विश्व शांति दिवस के रूप में जाना जाता है, एक संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्वीकृत अवकाश है जिसे प्रतिवर्ष 21 सितंबर को मनाया जाता है।